Home India Preliminary text of PM’s address atthe inaugural session of Adva…

Preliminary text of PM’s address atthe inaugural session of Adva…

भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे जी 

असम के राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी जी, 

मुख्यमंत्री श्री सर्वानंद सोनेवाल जी, 

विश्व भर से और विशेषकर आसियान देशों से आए प्रतिनिधिगण, 

देश भर से आए उद्यमी और यहां उपस्थित अन्य महानुभाव,

आजि एई होन-मिलोनत उपोस्थित आपोना-लोक होकोलोके मोई आंतोरिक हुभेसा ज्ञापोन   

कोरिसों।

लोगोते ओखोमोर होमुहो राईजो-लोई मोर गोभीर श्रोधा ज्ञापोन कोरिसो।

‘Global Investors Summit’ में, मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। 

इस समिट में आप सभी की उपस्थिति ये दिखा रही है कि असम किस तरह प्रगतिपथ पर आगे बढ़ रहा है। विशेष कर मुख्य अतिथि के तौर पर प्रधानमंत्री टोबगे की उपस्थिति भारत और भूटान की अटूट मित्रता की गवाही दे रही है। 

Friends!

We created the Act East Policy and the North-east is at the heart of it. 

The Act East Policy requires increased people to people contact, trade ties and other relations with countries on India’s east, particularly ASEAN countries. The tag-line of this Summit is very appropriate and gives a big Message.

‘Advantage Assam: India’s Express way to ASEAN’ is not just a Statement but it is a holistic Vision. Recently, we had the ASEAN India Summit celebrating 25 years of our partnership. 

ASEAN-India partnership,   may be 25 years old / but our ties with these nations go back to thousands of years.  It was a privilege for India to host Heads of 10 ASEAN countries as honoured Guests  at our Republic Day function  in New Delhi.

Bangladesh has recently opened a consulate in Guwahati, becoming the First Country to do so. I am happy to learn that The Royal Government of Bhutan has opened Bhutanese Consulate in Guwahati yesterday.

भाइयों और बहनों, 

भारत की ग्रोथ स्टोरी में और गति तभी आएगी जब देश के पूर्वोत्तर में रहने वाले लोगों का, यहां के समाज का, इस पूरे क्षेत्र का संतुलित विकास भी तेज गति से हो।

मेरा मानना है कि इंफाल से लेकर गुवाहाटी तक और कोलकाता से लेकर पटना तक, पूर्वी भारत को भारत के विकास का नया ऊर्जा केंद्र बनना चाहिए। यही हमारा विजन है, यही हमारी अप्रोच है।

इस विजन पर चलते हुए पिछले साढ़े तीन वर्ष में केंद्र सरकार की तरफ से और पिछले डेढ़ वर्ष में, असम सरकार की तरफ से किए गए प्रयासों का परिणाम अब और बेहतर तरीके से दिखाई देने लगा है। 

आज जितने व्यापक पैमाने पर ये आयोजन हो रहा है, वो कुछ वर्ष पहले तक कोई सोच भी नहीं सकता था।

ये इसलिए संभव हुआ है क्योंकि “देश में कुछ बदल नहीं सकता” कि सोच बदल गई है। लोगों में हताशा की जगह अब हौसला और आशा है।

साथियों, 

आज देश में दोगुनी रफ्तार से सड़कें बन रही हैं, दोगुनी रफ्तार से रेल लाइन का दोहरीकरण हो रहा है, 

लगभग दोगुनी रफ्तार से रेल लाइन का बिजलीकरण हो रहा है।

भाइयों और बहनों, 

हम सारी योजनाओं को उस दिशा की तरफ ले जा रहे हैं जो गरीब, निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग की जिंदगी में Qualitative Change लाए। 

हम अपनी योजनाओं को लोगों की आवश्यकताओं से जोड़ रहे हैं। ऐसी योजनाएं जो उनकी जिंदगी को आसान बनाए, ‘Ease Of Living को बढ़ाए’।

 

आपकी जानकारी में होगा कि सरकार ने बजट में ‘आयुष्मान भारत योजना’ का एलान किया है। अपनी तरह की दुनिया की ये सबसे बड़ी योजना है। 

साथियों, 

जो गरीबी में पला-बढ़ा है, जो गरीबी के कष्ट सहते हुए आगे बढ़ा है, उसे इस बात का हमेशा एहसास होता है कि गरीब के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है – बीमारी का इलाज। 

जब कोई एक व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हुआ तो पूरा परिवार लंबे समय तक आर्थिक संकट से बाहर नहीं आ पाया। 

गरीबों को इस संकट, इस चिंता से मुक्त करने के लिए हम देश के 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को ‘आयुष्मान भारत’ से जोड़ रहे हैं।

इस योजना के तहत, हर गरीब परिवार को चिह्नित अस्पतालों में साल में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी इस योजना से करीब-करीब देश के 45 से 50 करोड़ लोगों को फायदा होगा। 

इस योजना के कारण टियर-2 ओर टियर-3 सिटिज में हॉस्पिटल्स की chain बनाने की संभावनाए बढ़ गई हे। युवाओ के लिए यह assured Income का जरिया बनेगा। 

इससे भारत के अंदरूनी इलाकों में पूंजी निवेश के बडे अवसर पैदा होंगे। मै राज्य सरकारो से भी आग्रह करुगा की नए हॉस्पिटल्स के निर्माण के लिए पालिसीज बनाये।  ‘आयुष्मान भारत’ के अलावा भी सरकार ने अपनी दो और योजनाओं के जरिए, गरीबों की सेहत से जुड़ी चिंता को बहुत कम किया है। 

इस सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और जीवन ज्योति योजना से देश के 18 करोड़ से ज्यादा गरीबों को सुरक्षा कवच प्रदान किया है। उन्हें बड़ी चिंता से मुक्त किया है। 

इसके अलावा, 3 हजार से ज्यादा जन औषधि केंद्रों पर 800 से ज्यादा सस्ती दवाईयों की बिक्री, स्टेंट की कीमत में 85 प्रतिशत तक की कमी, Knee इम्प्लांट की कीमत पर नियंत्रण, जैसे अनेक कार्य इस सरकार ने किए हैं जो मध्यम वर्ग को भी बड़ी राहत दे रहे हैं।

साथियों, 

आसियान देश हों, बांग्लादेश-भूटान-नेपाल हों, हम सभी एक तरह से कृषि प्रधान देश हैं। 

किसानों की उन्नति, इस पूरे क्षेत्र के विकास को नई ऊँचाई पर पहुंचा सकती है।

 इसलिए हमारी सरकार देश के किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य पर काम कर रही है।

इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जहां एक तरफ सरकार का जोर इस बात पर है की किसान 

खेती पर होने वाले खर्च को कम कर सके, वहीं किसानों को उनकी फसलों की उचित कीमत मिले इस ओर भी कार्य किया जा रहा है इस वर्ष सरकार एग्रीकल्चर और ग्रामीण सेक्टर पर 14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रही है। हमने अभी दो दिन पहले किसानों को फसलों की उचित कीमत दिलाने के लिए एक और बड़े फैसले का ऐलान किया है। इसके अंतर्गत किसानों को उनकी फसलों का कम से कम 50 प्रतिशत यानी डेढ़ गुना मूल्य सुनिश्चित होगा। 

इसके अलावा सरकार 22 हजार ग्रामीण हाट को ग्रामीण एग्रीकल्चर मार्केट के तौर पर विकसित करेगी और उन्हें e-NAM यानि electronic National agriculture Market प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा।

भाइयों और बहनों, 

कुछ हफ्तों पहले हमने एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया है और आज मैं उत्तर-पूर्व में हूँ तो इस फैसले का जरूर जिक्र करना चाहता हूँ। 

साथियों, 

वैज्ञानिक तौर पर बांस, घास की श्रेणी में आता है। लेकिन करीब 90 साल पहले हमारे यहां कानून बनाने वालों ने इसे पेड़ का दर्जा दिया था। इसका नतीजा ये हुआ कि बांस चाहे कहीं भी उगे, उसे काटने के लिए, उसे ट्रांसपोर्ट करने के लिए, परमिट की जरूरत पड़ती थी, मंजूरी चाहिए होती थी। 

मुझे लगता है, पूरे देश में अगर किसी क्षेत्र के लोगों को सब से ज्यादा नुकसान इस कानून से हुआ तो उत्तर-पूर्व के लोगों का ही नुकसान हुआ। 

इतने वर्षों में देश आजाद हुआ, कितनी ही सरकारें आईं, गईं, लेकिन बांस को पेड़ की परिभाषा से अलग करके देश के लाखों किसानों, आदिवासियों को लाभ पहुँचाने वाला काम हमारी ही सरकार ने किया। 

अब हम लगभग 1300 करोड़ की लागत राशि से ‘National Bamboo mission’ को री-स्ट्रक्चर कर रहे हैं। उत्तर-पूर्व के लोगों को, खासकर यहां के किसानों को बजट के द्वारा एक और फायदा मिलने जा रहा है। 

भाइयों और बहनों, 

हमारे यहां खेती के लिए कर्ज मिलना आसान रहा है, लेकिन जो खेती से जुड़े अन्य व्यवसाय होते हैं, जैसे पोल्ट्री, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, पशु-पालन, इसके लिए कर्ज लेने में किसानों को दिक्कतें होती थीं। अब हमने 10 हजार करोड़ रुपए की राशि से विशेषकर फिशरीज और एनीमल हस्बेंडरी को ध्यान में रखते हुए दो इंफ्रास्ट्रक्चर फंड गठित करने का निर्णय किया है। 

सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा कर्ज लिए जाने की राह भी आसान की है। 

 

इस सरकार ने affordable Housing के क्षेत्र में भी ऐसे-ऐसे नीतिगत निर्णय लिए हैं, सुधार किए हैं, जो देश के हर गरीब को घर देने के सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे। 

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले तीन वर्ष में  लगभग एक करोड़ घर बनाए गए हैं। हमने अभी बजट में ऐलान किया है कि इस वर्ष के साथ-साथ अगले वर्ष भी 51 लाख नए घर बनाए जाएंगे।

निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार इस वर्ग को ब्याज में काफी छूट भी दे रही है। 

इसके अलावा RERA- यानि रीयल इस्टेट रेग्यूलेशन और डवलपमेंट एक्ट की वजह से भी इस सेक्टर में पारदर्शिता आई है और मध्यम वर्ग को घर मिलने में आसानी हुई है।

Affordable Housing के क्षेत्र में पिछले दिनों पूंजी निवेश काफी बढ़ा है, मै विदेश के लोगो से भी इस क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील करता हु 

भाइयों और बहनों, 

सरकार की एक योजना, कैसे देश में ऊर्जा क्रांति ला रही है, कैसे मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे रही है, उसका उदाहरण है- उजाला योजना। पहले की सरकार के समय साढ़े तीन सौ रुपए में बिकने वाला एक LED बल्ब अब 40 से 45 रुपए में मिल रहा है। एक अनुमान है कि जिन घरों में 5 LED बल्ब लगे हैं, उन परिवारों को हर महीना कम से कम 400 से 500 रुपए बिजली बिल में बचत हो रही है। अब तक उजाला योजना के तहत देश में 28 करोड़ से ज्यादा LED बल्ब बांटे जा चुके हैं। इसकी वजह से देश के ज्यदातर मध्यम वर्ग के लोगों को हर साल लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की बचत बिजली बिल में हो रही है। 

ASEAN देशो में भी LED बल्ब की मांग बढ़ी है और यह भारतीय ट्रेडर्स के लिए अच्छा अवसर है

साथियों, 

लक्ष्य तय करके काम पूरा करना इस सरकार की कार्य-संस्कृति है, Work-Culture है। 

असम के लोगों को इस बात का ऐहसास है कि कैसे जिस ढोला सादिया ब्रिज का मैंने लोकार्पण किया था, वो अगर पहले की रफ्तार से चलता, तो वो ब्रिज आज भी बन ही रहा होता।

 

हमने सरकार में पूरे शासन तंत्र के काम करने के तरीके को बदलने का काम किया है। इसी का नतीजा है कि हम ना सिर्फ समय पर योजनाएं पूरी कर रहे हैं बल्कि अब उस स्थिति में हैं कि योजनाओं को समय से पहले पूरा कर सकें।  

इसी तरह गरीब महिलाओं को लकड़ी के धुएं से मुक्ति दिलाने वाली उज्ज्वला योजना को भी हम समय से पहले पूरा करने की तरफ बढ़ रहे थे। 

हमारा लक्ष्य था कि 2019 तक पाँच करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देंगे। अब तक इस योजना के माध्यम से 3 करोड़ 30 लाख से ज्यादा महिलाओं को लाभ दिया जा चुका है। अब इस बजट में हमने तय किया है कि अब उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया जाएगा।

 

साथियों, 

2014 से पहले के दस वर्षों में हमारी नौजवान पीढ़ी की Aspiration को जिस तरह नजर अंदाज किया गया, वो कभी भुलाए नहीं भूला जा सकता। 

देश के नौजवान की इच्छा थी अपने दम पर कुछ करने की। लेकिन जब वो बैंक से कर्ज मांगने जाता था, तो उससे बैंक गारंटी मांगी जाती थी। मुद्रा योजना के माध्यम से बैंक गारंटी देने की इस बाध्यता को ही हमने खत्म कर दिया। 

इस योजना ने पिछले तीन वर्षों में देश को तीन करोड़ नए आंत्रप्रन्योर्स दिए हैं। ये वो लोग हैं जिन्होंने अपना काम शुरू किया है, जो स्वरोजगार कर रहे हैं। 

इस वर्ष के बजट में सरकार ने मुद्रा योजना के द्वारा लोगों को स्वरोजगार के लिए 3 लाख करोड़ रुपए कर्ज देने का लक्ष्य रखा है। 

इसके अलावा स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से भी युवाओं को सशक्त करने का काम ये सरकार कर रही है। इसके अलावा सरकार, श्रमएव जयते के सिद्धांत पर चलते हुए,श्रम कानूनों में भी निरंतर सुधार कर रही है, प्रक्रियाओं को सरल बना रही है। 

पहले जहां उद्यमियों को श्रम कानूनों के पालन के लिए 50 से ज्यादा रजिस्टर रखने पड़ते थे, वहीं अब सिर्फ और सिर्फ पाँच रजिस्टर से काम चल जाता है। 

श्रम सुविधा पोर्टल के माध्यम से हमने अधिकांश प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया है। अब तो देश में सिर्फ एक दिन में नई कंपनी का रजिस्ट्रेशन हो सकता है, जबकि पहले इसमें एक-एक हफ्ते लग जाते थे। 

इन सारे सुधारों का बड़ा लाभ देश के नौजवानों को, देश के छोटे उदयमियों को सबसे ज्यादा हुआ है।

Friends!

Development of MSME sector is a priority for us as this is the back-bone of our industries.

 In this year’s budget we are giving a big relief to MSMEs by reducing rate of Income Tax to 25% on companies reporting a turn-over of up to Rs. 250 crore. This will benefit almost 99% of companies. 

The formalisation of businesses of MSMEs due to introduction of GST, will help MSMEs to access credit from financial sector. Now, Government will contribute 12% to EPF for new employees in all sectors for three years. 

This Budget has provided additional deduction to the employees of 30% of the wages paid / for new employees under the Income Tax Act. 

We are also rolling out e-assessment of income tax across the country to eliminate Corruption and bring efficiency and transparency. Further, the women employees’ contribution to EPF will be 8% for first three years against existing rate of 12%.   

Paid maternity leave has been increased from 12 weeks to 26 weeks, along with provision of crèches to incentivise women employment in the formal sector. All these efforts, will strongly support ‘Make In India’ Also. 

साथियों, 

सरकार की ऐसी योजनाएं गरीबों को सशक्त कर रही हैं। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी चीज से होता है, तो वो है भ्रष्टाचार, कालाधन। 

हमारी सरकार का कालेधन और भ्रष्टाचार को खत्म करने का कमिटमेंट है 

साथियों, 

आज इस मंच से मैं अपने देश के उद्यमी वर्ग का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसने देश के आर्थिक एकीकरण की व्यवस्था- जीएसटी को ना सिर्फ स्वीकार किया बल्कि आज उसे अपने बिजनेस कल्चर में शामिल कर लिया है। 

हमारी सरकार ने देश में Economic Transparency लाने के लिए एक और बड़ा कदम Insolvency and bankruptcy Code के तौर पर भी उठाया है। 

कई बरसों से भारत में अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं के अनुरूप इस तरह के Code की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता का भी समाधान इसी सरकार ने किया है।

  

Friends!

The Union Government has taken up many path breaking economic reforms in last three years, which have simplified procedures (प्रोसिजर्स )  for doing business. 

 It is a result of these reforms that India today ranks 100 among 190 countries in the Doing Business Report, of the World Bank, after climbing up 42 ranks! 

The position of India has improved in many other ratings like Global Competitive–ness Index of World Economic Forum and Moody’s rating upgrade from stable to positive in November 2017.

Our policies have ensured that inflation remains below 5% mark.  Now, we have foreign exchange Reserves of US Dollars 418 Billion. Many new sectors have been opened for 100% FDI through automatic route / like automobiles,   textiles, tourism, Ports, Roads & Highways.Today, India is one of the most preferred destinations for FDI.  India has received highest ever annual FDI of USD 60 Billion in 2016-17.  

The world sees India today, as an emerging power house for economic growth.

 I am happy to note that Assam is ranked first among the North Eastern States in the Ease of Doing Business report. I am sure that with the present leadership of the State Government, / Assam is going to further improve its current position to emerge as one of the most sought after states for industrial investment in the country. 

Friends, today our focus is on Infrastructure investment and next year we will be investing about Rs. 6 lakh crore in this sector.This year we aim to complete more than 9,000 kilometers length of National Highways.   

We will be developing 35,000 kilometers of roads with investment of Rupees 5.35 lakh crore under ‘Bharatmala’ project.  

The Railways will make an investment of Rupees 1.48 lakh crore in 2018-19. 

 Our target is to re-develop 600 major Railway Stations in coming years. All these investments decisions will speed up development and are expected to generate lakhs of jobs in the coming years.

साथियों, 

आज मै एक और विषय पर भी बात करना चाहूँगा । 

इस धरती के महान सपूत, भूपेन हजारिका जब सिर्फ 13 वर्ष के थे, तब उन्होंने एक कविता लिखी थी। 

तब अंग्रेजों का शासन था, ये पूरा क्षेत्र, पूरा देश गुलामी के बंधन में जकड़ा हुआ था। 

उस समय, स्वर्गीय भूपेन हजारिका जी ने लिखा था-

ओग्नीजुगौ फिरिन्गौती मोई

नोतुन ऑखम गौढ़ीम

हरबौहारार हर्बस्व

पुनौर फिराई आनीम

नोतुन ऑखम गौढ़ीम

यानि- “अंगारे की तरह धधकते युग में, 

मैं एक चिंगारी की तरह हूं। 

मैं एक नए असम का निर्माण करूंगा। 

जो पीड़ित हैं, जो वंचित हैं, उन्होंने जो खोया है, वो वापस लेकर आऊंगा। 

मैं एक नए असम का निर्माण करूंगा”।

स्वतंत्रता से पूर्व देश के अलग-अलग क्षेत्रों में देखे गए ऐसे लाखों-करोड़ों वीर-वीरांगनाओं के सपने पूरे करने का हम सभी पर दायित्व है। 

इस दायित्व को पूरा करने के लिए हम सभी ने 2022 तक न्यू इंडिया के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया हुआ है।

संकल्प से सिद्धि की इस यात्रा में North-East  के लोगों की आवश्यकताओं को देखते हुए, उनकी जरूरतों को समझते हुए, योजनाएं बनाई जा रही हैं और उन्हें लागू किया जा रहा है।

मैं मानता हूं कि North-East  के 

8 राज्य-अष्टलक्ष्मी, देश के विकास के नए ग्रोथ इंजन है और इनकी गति बढ़ने का मतलब है देश के विकास की गति बढ़ना।

इसलिए हमारी सरकार द्वारा  उत्तर-पूर्व में Transformation By transportation की नीति पर जोर दिया जा रहा है। 

इंफ्रास्ट्रचर में किया जा रहा निवेश इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम कर रहा है।

पिछले 3 वर्ष में north-east  में सिर्फ रेलवे में ही औसतन 5,300 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष खर्च किये गए हैं। 

लगभग 47 हजार करोड़ रुपए की राशि से उत्तर-पूर्व में 15 नई रेल लाइनों पर काम किया जा रहा है। आने वाले दिनों में जब अगरतला-अखौड़ा रेल का काम पूरा होगा, त्रिपुरा-बांग्लादेश के बीच रेलवे कनेक्टिविटी बनेगी तो इसका पूरा फायदा पूरे क्षेत्र को होगा।सरकार ने लगभग 33 हजार करोड़ रुपए की लागत से north-east में करीब-करीब 4 हजार किलोमीटर National highway के निर्माण को स्वीकृति दी है।

 इसके अलावा सरकार अगले दो से तीन वर्षों में 90 हजार करोड़ रुपए की लागत राशि से उत्तर-पूर्व में रोड और नेशनल हाईवेज का निर्माण करेगी।

भाइयों और बहनों, 

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अटल जी के समय शुरू हुई थी। पहले जहां ये योजना 2022 तक खत्म होनी थी, वहीं अब हमने इसके पूरा करने का समय कम करके 2019 तक कर दिया है। 

इतना ही नहीं, इस बजट में हमने ये भी ऐलान किया है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सिर्फ गांव ही नहीं जोड़े जाएंगे बल्कि गांव के बड़े स्कूल, हॉस्पिटल, बड़े बाजारों को भी जोड़ा जाएगा। 

यहां पावर सेक्टर को मजबूत करने के लिए, Intra State Transmission एवं Distribution System को मजबूत करने के लिए 10 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा की योजनाएं शुरू की गई हैं। 

बहुत जल्द ही गुवाहाटी में World Class Airport Terminal Building का काम शुरू होने जा रहा है जो आसियान देशों के साथ उत्तर-पूर्व विशेष कर असम की कनेक्टीविटी को और मजबूत करेगा।

 

‘उड़ान योजना’ के तहत भी सरकार उत्तर-पूर्व को विशेष प्राथमिकता दे रही है। यहां के 19 एयरपोर्ट और हैलीपैड जिसमें से 5 तो सिर्फ असम में हैं, उन्हें देश के अन्य शहरों से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है।

 

केंद्र सरकार द्वारा 160 से ज्यादा देशों से आने वाले टूरिस्टों को e-visa की सुविधा दिया जाना भी इस क्षेत्र में टूरिज्म के विकास में अहम भूमिका निभाएगा।

साथियों, 

केंद्र सरकार ने गुवाहाटी में 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से नए एम्स को भी मंजूरी दी है। 

सरकार उत्तर-पूर्व को भी नेशनल गैस ग्रिड के साथ जोड़ने के लिए काम कर रही है। तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से GAIL(गेल)  द्वारा गुवाहाटी तक गैस पाइप लाइन बिछाने का काम स्वीकृत किया गया है।

 

केंद्र सरकार ने हाल ही में एक नई योजना- ‘North-East Special Infrastructure Development Scheme’ को मंजूरी दी है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत फंडिंग करके इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाओं को पूरा किया जाएगा। 

उत्तर-पूर्व में हो रहा ये निवेश, यहां पर टूरिज्म को बढ़ाने में मदद करेगा, यहां के युवाओं के लिए, यहां की महिलाओं के लिए, रोजगार के नए अवसर लेकर आएगा।

 

साथियों,

मैं असम के मुख्यमंत्री श्री सर्वानंद सोनेवाल जी को बधाई देता हूँ जिन्होंने बहुत ही कम समय में असम में business friendly और development friendly वातावरण बनाने का काम किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ भी असम सरकार ने सख्त फैसले लिए हैं।

असम सरकार उद्योगों को लगाने के लिए, टूरिज्म बढ़ाने के लिए, टैक्स इंसेटिव्स भी दे रही हैं। 

नई IT Policy,

नई start-up policy, 

नई sport policy, 

नई sugar policy, 

नई solar energy policy लागू की गई है।

 

मैं राज्य सरकार की इस बात के लिए भी प्रशंसा करता हूँ कि वो गुवाहाटी को आसियान देशों के साथ व्यापार के लिए एक business hub के तौर पर विकसित कर रही है। 

गुवाहाटी को स्मार्ट सिटी के तौर पर भी Develop किया जा रहा है।

Once again I congratulate the people of Assam and North East for holding such a big event with great fervour. I also express my thanks to the participating dignitaries present from across the ASEAN and BBIN countries in the Global Investor Summit.  

 I am sure the Summit is just a beginning and will add a new chapter to our thousand years old relations with You.  

एक बार फिर मैं उत्तर-पूर्व के लोगों को, असम के लोगों को इस विशेष आयोजन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। 

अपुना-लोकोक बहुत बहुत धन्यबाद  

आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

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AKT/SH